Chand Pe Kavita

चांद  को देखने जब मेरा चांद  छत  पे आया  
देख के उसको चांद  भी सकुचा और शरमाया
सरगोशियाँ उसकी सितारों ने हवाओं से कर दीं 
दिल हवाओं का मचला और भरमाया 
 

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