भाई दूज

भाई दूज 
इस पावन पर्व की  कुछ बात है ऐसी  निराली  
इसके जरिये भाई बहना का अटूट  बंधन बना  है 
दूरियां गर  हैं बड़ी,  तो क्या हुआ
प्यार की डोरी से अपना मन जुड़ा है 
तेरे पवित्र भाव का स्पर्श माथे पर  सजा है
आस्था का रोली चन्दन उस पर लगा है 
 भावना में इस तरह बह गया  दिल 
आँख अपनी है इसे तेरे आंसू ने नम  किया है .

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